ग्यारह मुखी रुद्राक्ष

एकादश मुखोयस्तु रुद्राक्षः परमेश्वरी ।
स रुद्रोधारणात्तस्य सर्वत विजयी भवेत् ।।
अश्वमेघ सहस्त्रस्य वाजपेयशतस्य च,
तत्फलं लभते शीघ्र वक्त्रेकादशधारणात् । ।

ग्यारह मुख वाला जो रुद्राक्ष है, वह एकादश रुद्र रूप है। इसके धारण करने से मनुष्य सर्वत्र विजयी होता है । इन्द्र देव भी इस रुद्राक्ष के स्वामी कहे जाते हैं। मनुष्य के अपने जीवन में जो कुछ दान करने की अभिलाषा रही हो, परन्तु दान न कर पाया हो तो ग्यारह मुखी रुद्राक्ष शिखा में धारण कर लेने मात्र से सभी दानों की पूर्ति हो जाती है। क्योंकि हजारों गोदानों का जो पुण्यफल है वह इसको धारण करने वाले को मिलता है । तथा सभी इन्द्रियाँ और मन नियंत्रित रहते हैं ।

यह रुद्राक्ष योग साधना में प्रवृत व्यक्तियों के लिये बहुत ही अनुकूल है। यह शरीर स्वास्थ्य, यम-नियम, आसन - षटकर्म या अन्य यौगिक क्रियाओं में आने वाली बाधाओं को नष्ट करता है । स्वास्थ्य को सुद्रढ़ बनाने के इच्छुक योग साधकों के लिये भगवान् शिव का ये अनमोल उपहार है। इस रुद्राक्ष को धारण करने का मन्त्र “ॐ ह्रीं हुं नमः” है ।

पता- कार्यालय शिवा मिशन न्यास (रजि.) ग्वालियर

‘‘ रुद्राक्ष ‘‘ ॐ नमः शिवाय मन्त्र बैंक
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