चौदह मुखी रुद्राक्ष

चतुर्दशमुखोयोहि रुद्राक्षः रुद्राक्षः परमशिवः ।
धारयेर्द्धिन्तं भक्त्यासर्वपापप्रणश्यति ।।

चौदह मुखी रुद्राक्ष परम शिव रूप है। इसे भक्ति पूर्वक धारण करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है । इसे धारण करने से मनुष्य साक्षात् शिव स्वरूप हो जाता है । यह रुद्राक्ष रुद्र देव की आँखों से विशेष रूप से उत्पन्न हुआ है । जो व्यक्ति इस परम दिव्य रुद्राक्ष को धारण करता है, वह सदैव ही देवताओं का प्रिय रहता है ।

यह रुद्राक्ष त्रिकाल सुखदायक है । यह समस्त रोगों का हरण करने वाला सदैव आरोग्य प्रदान करने वाला है। इसे धारण करने से वंश वृद्धि अवश्य होती है । अतः जो मनुष्य पुत्र की कामना रखते हैं, उन्हें चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिये ।

चौदह मुखी रुद्राक्ष में हनुमान जी का भी अधिवास माना गया है । यह रुद्राक्ष भूत, पिशाच, डाकिनी, शाकिनी से भी रक्षा करता है । इससे बल और उत्साह का वर्धन होता है । इससे निर्भयता प्राप्त होती है। और संकटकाल में संरक्षण प्राप्त होता है ।

यह रुद्राक्ष अत्यंत चमत्कारी है, इसमें अनंत गुण विद्यमान हैं। मनुष्य इस चौदह मुखी रुद्राक्ष की व्याख्या करने में सर्वथा असमर्थ है। इसका धारणकर्त्ता स्वर्ग की भाँति सुख भोगता हुआ सर्वोच्च स्वर्ग को प्राप्त करता है। वह चौदह भुवनों का रक्षक और स्वामी बन जाता है । जिसने चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण कर लिया शनि जैसा क्रोधी ग्रह भी लाख चाहकर उसका बुरा नहीं कर सकता । यह शास्त्रोक्त सत्य है। इस रुद्राक्ष को धारण करने का मन्त्र “ॐ नमः" है। अतः आपको चाहिये कि उक्त मन्त्र का 108 बार जप कर चौदह मुखी रुद्राक्ष को भक्ति पूर्वक धारण करें।

पता- कार्यालय शिवा मिशन न्यास (रजि.) ग्वालियर

‘‘ रुद्राक्ष ‘‘ ॐ नमः शिवाय मन्त्र बैंक
297- तुलसी विहार, स्टेट बैंक के पास, सचिन तेन्दुल्कर मार्ग,
सिटी सेन्टर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) पिन-474011 (इण्डिया)
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