गौरी शंकर रुद्राक्ष
कुछ रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से जुड़े हुए होते हैं। ये जुड़वा रुद्राक्ष भी वृक्ष पर ही होते हैं। जब दो रुद्राक्ष आपस में जुड़वा उत्पन्न होते हैं तब उन्हें गौरीशङ्कर रुद्राक्ष कहते हैं। इस प्रकार के रुद्राक्ष भी बहुत कम मात्रा में पाये जाते हैं ।
गौरीशङ्कर रुद्राक्ष को शिव- शक्ति तुल्य अपार शक्ति वाला तथा शिव-शक्ति स्वरूप ही माना गया है । इसलिये इस रुद्राक्ष को धारण करने से शिव व शक्ति अर्थात् भगवान् शङ्कर व पार्वती दोनों ही प्रसन्न होते हैं। इसे घर में पूजा स्थान में रखकर विधिवत् पूजा करने से मोक्ष को देने वाला, खजाने में रखने से विपुल सम्पत्ति को देने वाला माना गया है। इससे एक मुखी रुद्राक्ष से प्राप्त होने वाले सभी फल प्राप्त होते हैं । अतः जिस व्यक्ति को गोलाकार एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की अभिलाशा है, वह गौरी शङ्कर रुद्राक्ष धारण कर उसकी पूर्ती कर सकता है । इस रुद्राक्ष के दर्शन मात्र से सभी प्रकार का आनन्द व सुख मिलता है। इसे सोमवार के दिन शिवलिङ्ग व पार्वती जी के चरणों में स्पर्श करके "शिव शक्ति रुद्राक्षय नमः' मन्त्र का जप कर धारण करना चाहिये ।

पता- कार्यालय शिवा मिशन न्यास (रजि.) ग्वालियर
‘‘ रुद्राक्ष ‘‘ ॐ नमः शिवाय मन्त्र बैंक
297- तुलसी विहार, स्टेट बैंक के पास, सचिन तेन्दुल्कर मार्ग,
सिटी सेन्टर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) पिन-474011 (इण्डिया)
ई-मेल : shivamissionnyas21@gmail.com
फोन- 91-0751-2233499, 7880118361 (समय 2:00 pm से 6:00 pm तक भारतीय समय अनुसार)